SHAYARI 13-11-2023

दौलत नहीं मैंने इज़्ज़त कमाई है !

लोगों के दिलों में जगह बनाई है !!

तुम क्या समझोगे चकाचौंध के आशिक़ !

मैंने किरदार के लौ से शम्मा जलाई है !!

- मसूद अहमद 'मसूद'

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सलामत रहे तेरी आँखों की मस्ती,
मुझे मयकशी की जरूरत नहीं है

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छलकते जाम का मौहताज मैं नहीं साक़ी,
तेरी निगाह सलामत मुझे कमी क्या है।

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जाम पर जाम पीने का क्या फ़ायदा
रात गुज़री तो सारी उतर जाएगी
तेरी नज़रों से पी है ख़ुदा की क़सम
उम्र सारी नशे में गुज़र जाएगी

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