SHAYARI 28-02-2024
एक खिलौना ही तो हूँ मैंआप के हाथों का , रुठते तुम हो और टूटता मैं हूँ ! -- शुकराना भी कबूल है , मुस्कराना भी कबूल है। मिल जाओ जो कभी ख्वाबों में , ये बन्दिश भी कबूल है ! -- कहाँ से लाऊँ वो लफ़ज़ जो सिर्फ उसको सुनाई दे ! दुनिया देखें अपना चाँद , मुझे सिर्फ तू दिखाई दे !! -- कहाँ से लाऊँ वो लफ़ज़ जो सिर्फ उसको सुनाई दे ! दुनिया देखें अपना चाँद , मुझे सिर्फ तू दिखाई दे !! -- हश्र के सब क़यास रहने दो ! मुझको अब मेरे पास रहने दो ! भीड़ का क्या है कब बिखर जाए ! दोस्त कुछ ख़ास ख़ास रहने दो !! -- ना झुकने की अभिलाषा है ना झुकाने की अभिलाषा है कुछ सम्बन्ध हृदय से जुड़े है केवल उन्हें निभाने की अभिलाषा है -- यूँ तो जीने को हम तेरे बिन जियेंगे लेकिन , फिर दिल के धड़कने की आवाज़ नहीं आई ! -- बिना लफ़्ज़ों का कोई खत पढ़ा क्या ? मोहब्बत से कभी पाला पड़ा क्या , अगर तुम प्यार का मतलब न समझे , तो सारी ज़िंदगी तुमने पढ़ा क्या ! - राजेंद्र तिवारी -- केसर की तासीर सी है तेरी मित्रता ए दोस्त , ज़ाहिर कम होती है , महकती