Mushaira_Sanjay Mishra "Shauq"_Jashne Maujshaahi 2024_Saheb Smirit Found...

मुशायरा:

ज़ख्मो के तब्बसुम को जिए बैठा हूँ,

उधड़े हुए टांकों को सिये बैठा हूँ !

दरिया तेरी मौजों का कोई ख़ौफ़ नहीं,

मैं हूँ कि समंदर को पिये बैठा हूँ !

- संजय मिश्रा "शौक़"

https://youtu.be/H1cA7_DeYqU

 


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