Mushaira_Sanjay Mishra "Shauq"_Jashne Maujshaahi 2024_Saheb Smirit Found...
मुशायरा:
ज़ख्मो के तब्बसुम को जिए बैठा हूँ,
उधड़े हुए टांकों को सिये बैठा हूँ !
दरिया तेरी मौजों का कोई ख़ौफ़ नहीं,
मैं हूँ कि समंदर को पिये बैठा हूँ !
- संजय मिश्रा "शौक़"
मुशायरा:
ज़ख्मो के तब्बसुम को जिए बैठा हूँ,
उधड़े हुए टांकों को सिये बैठा हूँ !
दरिया तेरी मौजों का कोई ख़ौफ़ नहीं,
मैं हूँ कि समंदर को पिये बैठा हूँ !
- संजय मिश्रा "शौक़"
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