Sufi Kalam: Is Waqt Mujhe Mat Chhediye_इस वक़्त मुझे मत _Jashne Maujshaah...
सूफ़ी कलाम:
इस वक़्त मुझे मत छेड़िये, दिल
मौजे मैं के असर में हैं,
इस वक़्त वो मैख़ाना खोले बैठा हुआ मेरे
घर में है !
- हज़रत मंज़ूर आलम शाह “कलंदर मौजशाही”
गायक: प्रदीप श्रीवास्तव और साथी
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