SHAYARI 11-05-2025
कह नहीं सकते इस मौसम में,
क्या हालत हो जाएगी,
साक़ी भी नाराज़ रहा तो, और
आफ़त हो जाएगी !
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माहौल बेमज़ा है तेरे प्यार
के बग़ैर,
कैसे पियें शराब कोई यार
के बग़ैर!
फ़ुर्सत मिले तो पूछ कभी
उनका हाल भी,
जो लोग जी रहे हैं तेरे
प्यार के बग़ैर !
- ज़फ़र गोरखपुरी
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आँखों से यूँ आंसू ढलके,
सागर से जैसे मय छलके !
काश बता सकते परवाने,
क्या खोया क्या पाया जलके
!
-कँवर महेंद्र सिंह बेदी
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