Nikal Jaye Yun Hi Furqat Me Dum Kya_निकल जाए यूंही फुरकत मे_Lyric_Rawan_...
Nikal Jaye Yun Hi Furqat Me Dum Kya_निकल जाए यूंही फुरकत मे दम क्या_Lyric_Rawan_Singer_Pradeep Srivastava
कानपुर दिनांक:4 मई को
उर्दू के महान शायर चौधरी जगत मोहन लाल "र वां" के काव्य ग्रन्थ
"गौतमबुद्ध की काव्य कथा" जिसको जनाब सईद नक़वी ने भावानुवाद के विमोचन
के अवसर पर स्थानीय हरिहर नाथ शास्त्री भवन, खलासी लाइन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमे द्वितीय
सत्र में संगीत संध्या के अवसर पर ग़ज़लों का भी कार्यक्रम रखा गया | शहर के प्रमुख ग़ज़ल
गायक श्री प्रदीप श्रीवास्तवम और श्वेता श्रीवास्तव ने अपनी ग़ज़लों से श्रोताओं को
मंत्रमुग्ध किया | इसी क्रम में चौधरी जगत मोहन लाल र वां की ग़ज़ल "निकल जाए यूँ ही फुरक़त
में दम क्या" को धुन में पिरोकर प्रदीप श्रीवास्तव ने पेश किया जिसे सभी
बुद्धजीवी श्रोताओं ने भरपूर सराहा |
इस कार्यक्रम के प्रमुख
आयोजक चौधरी जगत मोहन लाल र वां के पौत्र श्री अजीत मोहन चौधरी, श्री प्रदीप मोहन
चौधरी और श्री दिलीप मोहन चौधरी के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता सईद नक़वी थे |
तबले पर संगत अखिलेश सोनी, की. बोर्ड पर अभिनव श्रीवास्तव, इलेक्ट्रॉनिक पैड पर आशीष धोले, कोरस पर दिनेश सिंह ने मधुर संगत की वहीँ बेहतरीन साउंड की व्यवस्था काशी रेडिओ के श्री बाल मुकुंद शर्मा ने की |
Ghazal:
निकल जाए यूँही फ़ुर्क़त
में, दम क्या
न होगा आप का मुझ पर करम
क्या
'रवाँ' के दर्द का आलम न पूछो
कोई यूँ होगा
मस्त-ए-जाम-ए-जम क्या
Singer: Pradeep Srivastava
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PRADEEP SRIVASTAVA
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