खुला पत्र - नेता अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढें
श्रीमान योगी आदित्य नाथ जी, २५ मई,
२०१७
मुख्य मंत्री,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ
महोदय,
मैं आपका ध्यान दैनिक हिन्दुस्तान , कानपुर के १८ अगस्त २०१५ में छपी खबर की तरफ
दिलवाना चाहता हूँ जिसमे हाई कोर्ट ने कहा की नौकरशाहों, नेताओं और सरकारी विभाग से
वेतन या मानदेय पाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बच्चो को सरकारी प्राइमरी स्कूल में
पढना अनिवार्य किया जाए और साथ ही ना मानने वालों पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए | और जिनके बच्चे कान्वेंट स्कूल में पढें तो जितनी फीस दी जाए उसे उनके वेतन से काट लिया जाय | तथा ऐसे लोगों का इन्क्रीमेंट या प्रमोशन रोक लिया जाए |
सरकारी स्कूलों की वयवस्था को ठीक करने के लिए ऐसा कठोर कदम उठाया जाये
तभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों की स्थित सुधरेगी | और इस बात पर अमल करने के लिए माननीय हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य सरकार को ६ माह का समय दिया था | खेद है कि सम्भवतः वो आदेश दबा दिया गया है |
वर्ष २०१५ में छपी इस ख़बर को अगर ध्यान दे कर कार्यवाही करने की कृपा करें तो उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में ज़बरदस्त बदलाव आएगा |
धन्यवाद,
प्रदीप श्रीवास्तव
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