हज़ारों बार ली है तुमने तलाशी मेरे इस दिल की,
बताओ कभी कुछ मिला है इसमें प्यार के सिवा।
लोट आई वो साहिल पे वो खोई हुई कस्ती,
अभी इस नदी की मौजो में रवानगी बाकी है !
ज़िंदगी शायद इसी का नाम है,
दूरियाँ मजबूरियाँ तन्हाइयाँ !
~ कैफ़ भोपाली
बड़ी चालाक होती है जिंदगी हमारी,
रोज नया कल देकर उम्र छिनती रहती है !
रुठा हुआ है मुझसे इस बात पर जमाना,
शामिल नहीं है मेरी फितरत में सर झुकाना !
जिसकी मस्ती जिंदा है उसकी हस्ती जिंदा है
वरना यूं समझ लो कि वो जबरदस्ती जिंदा है
मेरी फितरत में नहीं है उन परिंदों से दोस्ती रखना,
जिन्हे हर किसी के साथ उड़ने का शौक हो !
हर किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता..
जो मैं नहीं हूँ, वो दिखने का तरीका मुझे नहीं आता ।
बिन बुलाए आ जाता है सवाल नहीं करता...
यह तेरा ख्याल भी न मेरा ख्याल नहीं करता...
मंजिले उन्हें नहीं मिलती जिनके ख्वाब बड़े होते हैं
बल्कि मंजिल उन्हें मिलती है जो जिद पर अड़े होते हैं
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