SHAYARI

प्यार में ताकत है, दुनिया को झुकाने की |

वर्ना क्या आवश्यकता थी श्रीराम को झूठे बैर खाने की ||

सुना है तूने लाखों की किस्मत बनाई है,

देख तो लो मेरी अर्जी कहा छुपाई है !

लौट आई वो साहिल पे वो खोई हुई कश्ती,

अभी इस नदी की मौजो में रवानगी बाकी है !

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जमानें भर में मिलतें हैं आशिक कई,
मगर वतन से सुंदर  कोईं सनम नही होता !
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अब तक जिसका खून न खौला वह खून नही पानी है

जो वतन के काम न आए वो बेकार जवानी है !!













 

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