SHAYARI 18-01-2022

दिल भी तोड़ा तो सलीक़े से न तोड़ा तुमने,

दुश्मनी के भी कुछ आदाब हुआ करते हैं !

रिश्ते और रास्ते तब ख़त्म हो जाते हैँ,

जब  पाँव नहीं दिल थक जाते है !

सोचने से कहाँ मिलते हैं तमन्नाओं के शहर,

चलने की जिद भी जरूरी है मंजिलों के लिए !

इस स्वार्थी दुनियां में जीना है तो सोते हुए भी पैर हिलाते रहें,

वरना लोग मरा हुआ समझ कर जलाने में देर नहीं लगाएंगे !

दिल से मिलने की तमन्ना ही नहीं जब दिल में,

हाथ से हाथ मिलाने की ज़रूरत क्या है !

जैसा बाजार का तकाजा है वैसा लिखना अभी नहीं सीखा,

मुफ्त बंटता हूं मैं तो आज भी मैंने बिकना अभी नहीं सीखा !

चलना, गिरना और फिर संभलना पड़ेगा,

मोती चाहिये तो समंदर में उतारना पड़ेगा !

Mobile # +91 9140886598

उग आई है घास, घर की दहलीज पर,

अपनों को आए हुए एक ज़माना गुजर गया !

Mobile # +91 9140886598





















 

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