Itni Hai Iltajaye Mohabbat_Hazrat Manzur Aalam Shah ’Kalandar Maujshahi’
SUFI KALAM
इतनी
है इल्तिजाये मोहब्बत, तुम न नज़रों से अपनी गिराना !
दिल
को आबाद रखना हमेशा इस मोहब्बत को ज़िंदा रखना !!
हम
भिखारी हैं दरे मैकदा के, मैकदा ही हमारा ठिकाना !
हमको
परवा नहीं है किसी की, कुछ भी कहता
रहे अब ज़माना !!
~ हज़रत मंज़ूर आलम शाह ‘कलंदर मौजशाही,
गायक – प्रदीप
श्रीवास्तव
https://youtu.be/lTl4ABQkQtA
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