Roohani Shayari_1_रूहानी शायरी भाग १
ROOHANI SHAYARI_1
परमपूज्यनीय गुरुवार हज़रत
मंज़ूर आलम शाह ‘कलंदर मौजशाही’ के दस्ते मुबारक़ के द्वारा लिखी गई किताब “गूलर के
फूल” से कुछ शेर जो रूह को ठंडक पहुंचाए वो पेश कर रहा हूँ | ये सिलसिला बदस्तूर
जारी रहेगा | आपका मशवरा हमें बहुत सहारा देगा की इसे और कैसे बेहतर बनाया जाए |
मौजशाही सेवक,
प्रदीप श्रीवास्तव
https://youtu.be/PW4sja0NfwM
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