यूँ तो बहुत से रास्ते हैं मुझ तक पहुंचने के मगर , राहे - ऐ - मोहब्बत से आओगे तो फासला कम पड़ेगा ! -- रोकने की कोशिश तो बहुत की पलकों ने मगर , इश्क में पागल थे आँसू , ख़ुदकुशी करते चले गए ! -- बेबसी किसे कहते है ये पूछो उस परिंदे से , जिसका पिंजरा रखा भी तो खुले आसमान के तले -- जो बाग़ के फूलों की हिफाज़त नहीं करते ! हम ऐसी बहारों की हिमायत नहीं करते जो मंदिर - ओ - मस्जिद मे गिरफ़्तार है यारों ! हम ऐसे खुदाओं की इबादत नहीं करते !! - हस्तिमल हस्ती -- नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर घर का रस्ता भूल गया , क्या है तेरा क्या है मेरा अपना पराया भूल गया ! एक नज़र की एक ही पल की बात है डोरी साँसों की , एक नज़र का नूर मिटा जब इक पल बीता भूल गया ! - मीराजी -- दोस्ती तो ज़िन्दगी का वो खूबसुरत लम्हा है , जिसका अंदाज सब रिश्तों से अलबेला है , जिसे मिल जाये वो खुश..जिसे ना मिले वो लाखों में अकेला है -- आदमी आदमी से मिलता है , दिल मगर कम किसी से मिलता है ! भूल जाता हूँ मैं सितम उसके , वो कुछ इस सादगी से मिलत