SHAYARI 28-03-2024

 

बात ये है कि लोग बदल गए है,

जुल्म ये है के वो मानते भी नही !



तेरी खुशबू का सांसों पर जो ये अहसास रक्खा है

बदन पर फूल के जैसे खिला मधुमास रक्खा है

हमे महसूस होता है जो तुम महसूस करते हो।

हमारा मन तुम्हारे मन के कितने पास रक्खा है।

पंकज अंगार



अपने किरदार से रौशन जहाँ कर जाते हैं

बस वही लोग तो  ज़हनों में उतर जाते हैं

#मोहम्मद अली साहिल

ज़ायका अलग है लफ़्ज़ों का हमारे

कुछ समझ नहीं पाते कुछ भुला नहीं पाते



उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,

आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा !

इफ्तिखार नदीम

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परखता रहा उम्र भर ताक़त दवाओं की

दंग रह गया देख कर ताक़त दुआओं की

इक जरा सा जो मुस्कुरा दूँ मैं...

तो गम भी कहते हैं लाजवाब है तू...

अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं,

'फ़राज़' अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं।

कोई उसको प्रेम की चादर उढ़ा कर ले गया

और हम संबंध का सम्मान करते रह गए

PRADEEP SRIVASTAVA MUSICAL GROUP

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