SHAYARI 06-03-2024
यूँ तो बहुत से रास्ते हैं मुझ तक पहुंचने के मगर,
राहे-ऐ-मोहब्बत से आओगे तो फासला कम पड़ेगा !
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रोकने की कोशिश तो बहुत की पलकों ने मगर,
इश्क में पागल थे आँसू, ख़ुदकुशी करते चले गए !
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बेबसी किसे कहते है ये पूछो उस परिंदे से,
जिसका पिंजरा रखा भी तो खुले आसमान के तले
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जो बाग़ के फूलों की हिफाज़त नहीं करते !
हम ऐसी बहारों की हिमायत नहीं करते
जो मंदिर-ओ-मस्जिद मे गिरफ़्तार है यारों !
हम ऐसे खुदाओं की इबादत नहीं करते !!
- हस्तिमल हस्ती
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नगरी
नगरी फिरा मुसाफ़िर घर का रस्ता भूल गया,
क्या
है तेरा क्या है मेरा अपना पराया भूल गया !
एक
नज़र की एक ही पल की बात है डोरी साँसों की,
एक
नज़र का नूर मिटा जब इक पल बीता भूल गया !
-मीराजी
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दोस्ती
तो ज़िन्दगी का वो खूबसुरत लम्हा है,
जिसका
अंदाज सब रिश्तों से अलबेला है,
जिसे
मिल जाये वो खुश..जिसे
ना
मिले वो लाखों में अकेला है
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आदमी
आदमी से मिलता है,
दिल
मगर कम किसी से मिलता है !
भूल
जाता हूँ मैं सितम उसके,
वो
कुछ इस सादगी से मिलता है !
PRADEEP SRIVASTAVA MUSICAL GROUP
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