SHAYARI 07-03-2024

मिरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए कभी,

मैं अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहता !

- एहतेशाम अख्तर

--

शानदार रिश्ते चाहिए तो उन्हें गहराई से निभाईये !

लाजवाब मोती कभी किनारों पर नहीं मिलते!

--

भले ही छांव नहीं दे सकते हैं सूखे शजर,

इक कीमत अपनी वो भी रखते हैं मगर,

भले ही कोई काम न कर सकते हों बुजुर्ग,

उनके बगैर बेसहारा से लगते हैं सारे घर।

-राकेश नमित

--

जितना भी वाजिब लगे उतना अलग रख दीजिए,

आप मुझमें से मिरा ह़िस्सा अलग रख दीजिए !

- राजेश रेड्डी

--

आराम से तन्हा कट रही थी तो अच्छी थी,

ज़िन्दगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी।

क्या ख्वाब होंगे उस गरीब के,

जो अपनी सांसें गुब्बारे में कैद करके बेचता है ?

जाया न कीजिए अपने अल्फाजों को हर किसी के लिए

बस खामोश रह कर देखिए आप को समझता है कौन

जिस नजाकत से पैरों को छूती है लहरें

यकीन  नहीं होता कि इन्होंने कभी कश्तिया डुबोयी होंगी


जमाने में आए हो तो जीने का हुनर भी रखना

दुश्मन से कोई खतरा नहीं बस अपनों पर नजर रखना

वो मुझको छोड़ गया तो मुझे यकीन आया,

कोई भी शख्स जरूरी नहीं किसी के लिये।।

 

PRADEEP SRIVASTAVA MUSICAL GROUP

(for bhajan sandhya, mehfil-e-ghazal, cocktail party,

wedding & pre-wedding function)

# +91 9140886598









 

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH