SHAYARI 10-05-2024
कभी तवज्जो नहीं
दी नफरतों को हमने,
यूँ ही नहीं
ख़ुदा को दिल मेरा घर सा लगा !!
ख्वाहिशें जो किसी सूरत न पूरी हो सकी...
बेचैनियाँ...उन हसरतों का नाम है..
तेरे हुस्न की चाल से बदल जाती है समा,
तेरा हुस्न है या है कोई जादूगरी...!
तन्हाई के सागर में डूबी,साजन की यादों में खोई।
सजधज के बैठी विरहणी, लगे चेतना खोई खोई।।
मुझे मेहनत पे अपनी ख़ुद भरोसा
है बहुत साहिल
मगर फिर भी
बुज़ुर्गों से दुआ की बात
करते हैं
#मोहम्मद_अली_साहिल
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय
#कबीर
PRADEEP
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