LYRIC - SARASWATI VANDNA

वर दे मातु शारदे वर दे,
घर आँगन खुशियों से भर दे !
वर दे मातु शारदे वर दे 
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जन जन की यह अभिलाषा,
मिटे निराशा जागे आशा,
जिससे दूर अँधेरा हो सब,
दीप वही ज्योतिर्मय कर दे !
वर दे मातु शारदे वर दे 
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धरती से आतंक मिटा दे,
जन जन में फिर प्यार जगा दे !
वाणी से अमृत रस बरसे,
सबको ऐसा सुमधुर स्वर दे !
वर दे मातु शारदे वर दे 
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हर बगिया फूलों से महके,
सोने की चिड़िया फिर चहके !
नव विहान के संग भारत में,
रिद्धि सिद्धि सुख शांति अमर दे !
वर दे मातु शारदे वर दे 
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- शशि शुक्ला, कानपुर  


 

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