ROZ SHAAM AATI THI ( IMTIHAN 1974 ) रोज़ शाम आती थी मगर ऐसी ना थी रोज़ रोज़ घटा छाती थी मगर ऐसी ना थी रोज़ शाम आती थी मगर ऐसी ना थी रोज़ रोज़ घटा छाती थी मगर ऐसी ना थी ये आज मेरी जिंदगी में कौन आ गया.. रोज़ शाम आती थी मगर ऐसी ना थी रोज़ रोज़ घटा छाती थी मगर ऐसी ना थी ---- डाली में ये किसका हाथ कर इशारे बुलाये मुझे , डाली में ये किसका हाथ कर इशारे बुलाये मुझे , झूमती चंचल हवा छुके तन गुदगुदाये मुझे , होले होले धीरे धीरे कोई गीत मुझको सुनाये , प्रीत मन में जगाये खुली आँख सपने दिखाये , दिखाये दिखाये दिखाये , खुली आँख सपने दिखाये , ये आज मेरी जिंदगी में कौन आ गया.. , रोज़ शाम आती थी मगर ऐसी ना थी , रोज़ रोज़ घटा छाती थी मगर ऐसी ना थी ! ----- अरमानों का रंग है जहाँ पलकें उठती हूँ मैं , अरमानों का रंग है जहाँ पलकें उठती हूँ मैं , हँस हँस के है देखती जो भी मूरत बनाती हूँ मैं , जैसा कोई मोहे छेड़े जिस और भी जाती हूँ मैं , जगमगाती हूँ मैं दीवानी हुई जाती हूँ मैं , दीवानी दीवानी दीवानी दीवानी हुई जाती हूँ मैं , ये आज मेरी जिंदगी में क...