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Showing posts from November, 2024

Ganesh Vandna of Sant Tulsi Das ji and Sand Surdas Di_Pradeep Srivastava...

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गणेश वंदना - संत तुलसीदास जी और संत सूरदासजी एक नही धुन में गायक - प्रदीप श्रीवास्तव https://youtu.be/ZVUKr6E_TEY

Mushaira_Ye Dhundh Ye Gubar Chatey_ये धुंध ये गुबार छ्टे तो पता_Shoeb Ni...

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https://youtu.be/tDGHVeGRl0w   ये धुंध ये ग़ुबार छटे तो पता चले, सूरज का हाल रात कटे तो पता चले ! चेहरों के कद्दो काज़ सलामत है या नहीं, अब आइनों से गर्द हटे तो पता चले ! - शोएब निज़ाम

Mushaira_Nafees Kanpuri_Aap Ne Pilaai Hai_आप ने पिलाई है आप ही सम्हालिए_...

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NAFEES KANPURI: मकशों की लग्ज़िशें नाज़ से ना टालिए , आप ने पिलाई है आप ही सम्हालिए ! दिल को मोह लेने के और रुख निकालिये , पत्थरों के शहर में आईने न ढालिए ! - हक़ कानपुर https://youtu.be/kWE1J9ALTXw

SRI SURESH KHANNA , FINANCE MINISTER OF UTTAR PRADESH

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आज माननीय मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के कानपुर के रोड शो के बाद एक बहुत ही व्यक्तिगत बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना जी और कानपुर के लोकप्रिय एम् एल सी श्री अरुण पाठक जी के साथ पूर्व लायंस गवर्नर श्री पंकज श्रीवास्तव के निवास पर |    

Mushaira_Renu Mishra_Koi Suljha_कोई सुलझा दे आके पहेली जरा_Jashne Maujsh...

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RENU MISHRA (RANCHI _ 19-10-2024 JASHNE MAUJSHAAHI 2024   आदमी को साहिबे किरदार होना चाहिए , और उसको हर किसी से प्यार होना चाहिए ! लालसा बेहद कमाने की बहुत अच्छी नहीं है , हां मगर छोटा सा एक घर बार होना चाहिए ! --------- कोई सुलझा दे आके पहेली ज़रा , पढ़ ले कोई मेरी भी हथेली ज़रा ! वज़ह क्या है छलकती तेरी आँख क्यों , पूछ ले आके कोई सहेली ज़रा ! कितनी मासूम सी बात कह के गया , मिलना महफ़िल में अकेली ज़रा ! एक अरसा हुआ उनको देखे हुए , देखने दो पुरानी हवेली ज़रा ! ----- खबर लगे न ज़माने को यूँ सम्हलते हुए , कलाई थामना तुम साथ साथ चलते हुए ! ये जानती हूँ मुझे प्यार बहुत करते हो , पुकारते हो मुझे ख्वाब में मचलते हुए ! चले भी आओ नहीं लगता दिल तुम्हारे बिन , पुकारते हैं तुझे अश्क़ उन्हें ढलते हुए ! - रेनू मिश्रा ( रांची )     https://youtu.be/Lz 9 dw 1 KwUWI JASHNE MAUJSHAHI 19-102024  

EK SHER

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अपने हसीन होंट किसी परदे में छुपा लिया करो,  हम ग़ुस्ताख़ लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं !  

Mushaira_Renu Shukla_Ek Khat Maa Ko Likhun¬_जी में आता है कि एक ख़त मां क...

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साहेब स्मृति फाउंडेशन, कानपुर के द्वारा जश्ने मौजशाही २०२४ का आयोजन सुप्रसिद्ध सूफ़ी संत हज़रत मंज़ूर आलम शाह “कलंदर मौजशाही” की पावन स्मृति में १३वां राष्ट्रिय कवि सम्मलेन और मुशायरे का शानदार आयोजन किया गया | इस मुशायरे में मुंबई से तशरीफ़ लाई मोहतरमा रेनू शुक्ला ने माँ पर बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत की जिसे सभी ने पसंद किया | प्रस्तुत है इसकी रिकॉर्डिंग : जी में आता है एक ख़त माँ को लिखूं | प्रदीप श्रीवास्तव वास्ते: साहेब स्मृति फाउंडेशन, कानपुर   https://youtu.be/qJf 65 nmwQro

Mushayra_Ateeq Fatehpuri_Kaise Kahun Tumhari Inayat Nahi _कैसे कहूं तुम्...

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Mushayra_Ateeq Fatehpuri_Kaise Kahun Tumhari Inayat Nahi Rahi_Jashne Maujshahi_19-10-2024   १९, अक्टूबर २०२४ को साहेब स्मृति फाउंडेशन के द्वारा सुप्रसिद्ध सूफ़ी संत हज़रत मंज़ूर आलम शाह “कलंदर मौजशाही” के उर्स के मुबारक़ मौके पर आयोजित “जश्न-ए-मौजशाही २०२४” के कार्यक्रम में कानपुर के जाने माने शायर जनाब अतीक़ फतेहपुरी ने अपनी ग़ज़ल से कार्यक्रम का आग़ाज़ किया !   कैसे कहूं तुम्हारी इनायत नहीं रही , तुम हो तो अब किसी की भी हाजत नहीं रही ! जब से मिला है मुझको तेरा दामने करम , औरों को देखने की ज़रूरत नहीं रही ! आदाबे हुस्न भूल गए बेख़ुदी में हम , उनसे नज़र मिलाने की ज़ुर्रत नहीं रही ! तस्वीर उनकी ऐसे उतारी है आपने , अब तो किसी ख़्याल की हाजत नहीं रही ! जाए तो उठ के जाए कहाँ बज़्मे नाज़ से , ग़ैरों के दर पे जाने की आदत नहीं रही ! - अतीक़ फ़तेहपुरी   प्रदीप श्रीवास्तव, वास्ते: साहेब स्मृति फाउंडेशन, कानपुर 

Introduction of Shayars by Farooq Jaisi_फ़ारूक़ जायसी के द्वारा शायरों का ...

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Introduction of Shayars by Farooq Jaisi_ फ़ारूक़ जायसी के द्वारा शायरों का परिचय_ Jashne Maujshaahi 2024 १९, अक्टूबर २०२४ को साहेब स्मृति फाउंडेशन के द्वारा सुप्रसिद्ध सूफ़ी संत हज़रत मंज़ूर आलम शाह “कलंदर मौजशाही” के उर्स के मुबारक़ मौके पर आयोजित “जश्न-ए-मौजशाही २०२४” के अंतर्गत १३वें राष्ट्रिय कवि सम्मलेन एवं मुशायरे में शुरुआत में शायरों का परिचय कानपुर शहर के शायर और साहेब स्मृति फाउंडेशन की कवि सम्मलेन कमेटी के चेयरमैन जनाब फ़ारूक़ जायसी ने बहुत ही शानदार तरीके से करवाया | पेशे ख़िदमत है इसकी रिकॉर्डिंग जो यादगार रहेगी : प्रदीप श्रीवास्तव वास्ते साहेब स्मृति फाउंडेशन, कानपुर https://youtu.be/-mQAHIOcyW 4

EK SHER

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ये तेरा ताज नहीं है हमारी पगड़ी है ! ये सर के साथ ही उतरेगी सर का हिस्सा है !!  

Kavi Sammelan_Masti Bhari Nazar Mein Ajab Bekhudi Rahi_मस्ती भरी नज़र में...

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Kavi Sammelan_Masti Bhari Nazar Mein Ajab Bekhudi Rahi_Pradeep Srivastava परिपूर्णानन्द वर्मा मेमोरियल सोसाइटी एवं मुस्कुराये कानपुर के संयुक्त तत्त्वाधान में यूनाइटेड पब्लिक स्कूल के प्रेक्षागार में १० नवम्बर को कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम में विशेष अनुरोध पर मैंने अपनी लिखी ग़ज़ल पेश की जिसे लोगों ने भरपूर सराहा और दाद दी | पेशे खिदमत है ग़ज़ल मस्ती भरी नज़र में अजब बेख़ुदी रही , पैमाने में शराब भरी की भरी रही ! -प्रदीप श्रीवास्तव "रौनक़" https://youtu.be/__m-nJqrSTg

Mushaira_रंग अपना बताने आये हैं_Shafeeq Abdi_Jashne Maujshahi 2024_Kanpu...

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MUSHAYRA: रंग अपना बताने आये हैं , बात सच्ची सुनाने आये हैं , जश्न है आज मौजे शाही का , प्यार के गीत सुनाने आये हैं ! शायर व निज़ामत _ शफीक़ आब्दी     https://youtu.be/2YF3GxfD-Q8

SHAYARI 03-11-2024

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सवाल जहर का नहीं था , वो तो मैं पी गया , तकलीफ लोगों को तब हुई , जब मैं जी गया . -- जीने का जज़्बा क़ायम हो तो , उम्र की गिनती फिर फ़िज़ूल है ! -- कद बड़े नहीं हुआ करते एड़िया उठाने से ! ऊंचाइयां हासिल होती हैं तो सिर्फ सर झुकाने से ! --  इंसाफ़ मांगने निकला था तुम्हारे दिये ज़ख्मो का  ! पर इस शहर मे हर कोई तुम्हारा आशिक़ निकला !!   PRADEEP SRIVASTAVA MUSICAL GROUP +91 9140886598