Mushaira_Iqra Ambar_Kisi Ko Kya Batayein_किसी को क्या बताएं मन नहीं है_J...

किसी को क्या बताएं मन नहीं है,

अकेले हैं अकेलापन नहीं है !

मेरे अश्क़ों ज़रा तुम सांस तो लो,

अभी ख़ाली कोई दामन नहीं है !

सभी से हो चूका झगड़ा हमारा,

किसी से अब कोई अनबन नहीं है !

वो मुझको देख कर ठहरा नहीं है,

तो क्या ये ज़ख़्म भी गहरा नहीं है !

वो जब चाहे दिए सा दिल बुझा दे,

हवा की चाल पर पहरा नहीं है !

मेरी तन्हाई में कुछ देर रह लो,

मुक़द्दर में अगर पहरा नहीं है !

दिलो दिमाग़ में क्या है पता नहीं लगता,

वो बेवफ़ा है मगर बावफ़ा नहीं है

- इक़रा अम्बर

 

https://youtu.be/ssFx-CniOJU


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