Mushaira_Akhtar Kanpuri_Aabad Jo Khushiyon Se Mere Dil Ka Nagar Hai_Jash...
आबाद जो
खुशियों से मेरे दिल का नगर है,
ये भी तेरी
पाकीज़ा निगाही का असर है !
मुद्दत से
मेरे ख्वाब में आता है बराबर,
एक ऐसा मकां
जिसकी न दीवार ना दर है !
वो घर से मेरे
हक़ में दुआ मांग रहा था,
मैं सोच रहा
था दवाओं का असर है !
- अख्तर
कानपुरी
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