Mushaira_Renu Mishra_Koi Suljha_कोई सुलझा दे आके पहेली जरा_Jashne Maujsh...
RENU MISHRA (RANCHI _
19-10-2024
JASHNE MAUJSHAAHI 2024
आदमी को साहिबे किरदार होना चाहिए,
और उसको हर किसी से प्यार होना चाहिए !
लालसा बेहद कमाने की बहुत अच्छी नहीं
है,
हां मगर छोटा सा एक घर बार होना चाहिए
!
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कोई सुलझा दे आके पहेली ज़रा,
पढ़ ले कोई मेरी भी हथेली ज़रा !
वज़ह क्या है छलकती तेरी आँख क्यों,
पूछ ले आके कोई सहेली ज़रा !
कितनी मासूम सी बात कह के गया,
मिलना महफ़िल में अकेली ज़रा !
एक अरसा हुआ उनको देखे हुए,
देखने दो पुरानी हवेली ज़रा !
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खबर लगे न ज़माने को यूँ सम्हलते हुए,
कलाई थामना तुम साथ साथ चलते हुए !
ये जानती हूँ मुझे प्यार बहुत करते हो,
पुकारते हो मुझे ख्वाब में मचलते हुए !
चले भी आओ नहीं लगता दिल तुम्हारे बिन,
पुकारते हैं तुझे अश्क़ उन्हें ढलते हुए
!
- रेनू मिश्रा ( रांची )
JASHNE
MAUJSHAHI
19-102024
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