SHAYARI 23-07-2025
मुहब्बत दोनों के बीच का नशा है !
जिसे पहले होश आ जाए वो बेवफा है !!
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मुझें छोड़कर वो खुश हैं, तो शिकायत कैसी,
अब मैं उन्हें खुश भी न
देखूं तो मोहब्बत कैसी !!
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हम तुम्हें मुफ़्त में जो
मिले हैं...
क़दर ना करना हक़ है
तुम्हारा...
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तेरी दास्ताँ-ए- हयात को
लिखूं किस गजल के नाम सा,
तेरी शोखियाँ भी अजीब, तेरी सादगी भी कमाल...
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निगाहे पीर ने बख्शी तो हमने ये देखा !
लिबासे पीर मे परवरदिगार बैठे है !!
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