SHAYARI 28-07-2027
आसमां
उसका ज़मीं उसकी सितारे उसके !
रौशनी
देते हैं आँखों को नज़ारे उसके !!
उसकी
मर्ज़ी है डुबो दे के बचा ले मुझको !
कश्तीयां
उसकी भँवर उसके कनारे उसके !!
~ नय्यर जलालपुरी
उनको
जब बेनक़ाब देखा है !
रात
मे आफ़ताब देखा है !!
जब
वो आए तो ये हुआ महसूस !
बज़्म
मे माहताब देखा है !!
~ डी सी पांडे नज़र
- - - -
सीने
मे तूफान दबाना पड़ता है !
आँखों
को अंजान बनाना पड़ता है !!
उनका
क्या है निकल
पड़े हैं बेपरदा !
हमको
तो ईमान बचाना पड़ता है !!
-
विजय तिवारी
आपके
रूबरू होते ही निखर जाते हैं !
आपको
देख के आईने सँवर जाते हैं !!
ये
शरारत है, सियासत है कि मजबूरी !
आप
हर बात पे हाँ कह के मुकर जाते हैं !!
-
विजय तिवारी
तेज़
हो जाता है ख़ुशबू का सफ़र शाम के बाद !
फूल
इस शहर मे खिलते हैं मगर शाम के बाद !!
मेरे
बारे मे कोई कुछ भी कहे सब मंज़ूर !
मुझको
रहती ही नहीं अपनी ख़बर शाम के बाद !!
-
कृष्ण बिहारी नूर
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