SHAYARI_ILAHI KHAIR HO


उधर ज़ुल्फ़ों में कंघी हो रही है, ख़म निकलता है

इधर रुक रुक के खिंच खिंच के हमारा दम निकलता है।

इलाही ख़ैर हो उलझन पे उलझन बढ़ती जाती है

न उनका ख़म निकलता है न हमारा दम निकलता है।


 

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

Kavi Gopal Ji Shukla_Yaad Rahey Patni Do Dhari Talwar Hai_याद रहे पत्नी ...

गुरुदेव मेट्रो स्टेशन,कानपुर से कानपुर यूनिवर्सिटी तक सड़क का बद्द्तर हाल...