पूरबी भाषा में सूफी कलाम
BAS YAAR TUHI BAATYA
बस यार
तुहीं बाट्या दिलदार तुहीं बाट्या !
हमसे
गरीबवन कै संसार तुहीं बाट्या !!
का हार
फूल लावे का दीप जल चढ़ावे !
जिउ
जान हो निछावर अस यार तुहीं बाट्या !!
सगरो जगत में
महकी ख़ुशबू तोहार बालम !
फूलों में हर चमन
के सिंगार तुहीं बाट्या !!
ज़िंदा तुम्हारे
दर से मंगता तोहार बाटै !
ऐसन रहम करैय्या
सरकार तुहीं बाट्या !!
पतवार है सलामत
मंझधार क्या करेगा !
हे नाव के
खेवैय्या पतवार तुहीं बाट्या !!
~ हज़रत शाह मंज़ूर
आलम " कलंदर मौजशाही" ( हुज़ूर साहेब-हमारे पीर)
GOOLAR KE PHOOL PART ONE
TYPED ON 15/09/2016
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