PEER TORI
CHAUKHAT PE BOLE LAAL MUNIYA
पीर तोरी चौखट पे
बोले लाल मुनिया !
बोले लाल मुनियाँ
तो झूमे सारी दुनिया !!
मेरे जुनूँ में
रंगे वफ़ा है
मैं हूँ पुजारी
वो देवता है
मुझको तो ख़ाली
इतना पता है
कि उसके ही दर से मुक़द्दर जुड़ा है
पीर तोरी चौखट पे
बोले लाल मुनिया !
बोले लाल मुनियाँ
तो झूमे सारी दुनिया !!
हमारी सदा थी सदा
कौन सुनता
भिखारी की झोली
भला कौन भरता
नज़र इतनी हमपर
कोई भी न करता
अगर वो मसीहा न
बनकर उतरता
पीर तोरी चौखट पे
बोले लाल मुनिया !
बोले लाल मुनियाँ
तो झूमे सारी दुनिया !!
ये दिल और दिल की
तमन्ना है तुमसे
ख़ुदा हो ख़ुदा और
ये बन्दा है तुमसे
ये सूरज तुम्हारा
ये चन्दा है तुमसे
सुनो ये कि जो
कुछ है ज़िंदा है तुमसे
पीर तोरी चौखट पे
बोले लाल मुनिया !
बोले लाल मुनियाँ
तो झूमे सारी दुनिया !!
~ हज़रत शाह मंज़ूर
आलम " मौजशाही कलंदर " ( - हुज़ूर साहेब, हमारे पीर)
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