इक अँधेरा शहर में है दूर तक छाया हुआ !
इसलिए हर आदमी मिलता है घबराया हुआ !!
आइये कुछ शेर लिखें अब अंधेरों के ख़िलाफ़ !
आज है सूरज क़लम के पास कुछ आया हुआ !!


~ कृष्ण कुमार नाज़

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