शायरी

हर तरफ़ गो रौशनी है आजकल !
नूरे इमां की कमी है आजकल  !!
आदमी तो हैं जहां में बेहिसाब !
आदमियत की कमी है आजकल !! 
~ हाफ़िज़ अब्दुल रहमान 

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