पत्तल में भोजन करने से अदभुत लाभ


 

क्या आप जानते हैं कि पत्तल में भोजन करने से कितने अदभुत लाभ हो सकते हैँ !

 

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे देश मे 2000 से अधिक वनस्पतियों की पत्तियों से तैयार किये जाने वाले पत्तलों और उनसे होने वाले लाभों के विषय मे पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान उपलब्ध है पर मुश्किल से पाँच प्रकार की वनस्पतियों का प्रयोग हम अपनी दिनचर्या मे करते है।

 

आम तौर पर केले की पत्तियो मे खाना परोसा जाता है।

 

प्राचीन ग्रंथों मे केले की पत्तियो पर परोसे गये भोजन को स्वास्थ्य के लिये लाभदायक बताया गया है।

 

खास बात ये है कि आजकल महंगे होटलों और रिसोर्ट मे भी केले की पत्तियो का यह प्रयोग होने लगा है।

 

तरह तरह के पत्तलों में भोजन करने से अनेकानेक फायदे। जानिये...

 

पलाश के पत्तल में भोजन करने से स्वर्ण के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है।

 

केले के पत्तल में भोजन करने से चांदी के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है।

 

रक्त की अशुद्धता के कारण होने वाली बीमारियों के लिये पलाश से तैयार पत्तल को उपयोगी माना जाता है।

 

पाचन तंत्र सम्बन्धी रोगों के लिये भी इसका उपयोग होता है।

 

आम तौर पर लाल फूलो वाले पलाश को हम जानते हैं पर सफेद फूलों वाला पलाश भी उपलब्ध है।

इस दुर्लभ पलाश से तैयार पत्तल को बवासीर (पाइल्स) के रोगियों के लिये उपयोगी माना जाता है।

 

जोडो के दर्द के लिये करंज की पत्तियों से तैयार पत्तल उपयोगी माना जाता है।

 

पुरानी पत्तियों को नयी पत्तियों की तुलना मे अधिक उपयोगी माना जाता है।

 

लकवा (पैरालिसिस) होने पर अमलतास की पत्तियों से तैयार पत्तलो को उपयोगी माना जाता है।

 

**

इसके अन्य लाभ :

(1). सबसे पहले तो उसे धोना नहीं पड़ेगा, इसको हम सीधा मिटटी में दबा सकते है.!

(2). न पानी नष्ट होगा.!

(3). न ही काम वाली रखनी पड़ेगी, मासिक खर्च भी बचेगा.!

(4). न ही केमिकल उपयोग करने पड़ेंगेl

(5). न ही केमिकल द्वारा शरीर को आंतरिक हानि पहुंचेगी.!

(6). अधिक से अधिक वृक्ष उगाये जायेंगे, जिससे अधिक आक्सीजन भी मिलेगी.!

(7). प्रदूषण भी घटेगा.!

(8). सबसे महत्वपूर्ण झूठे पत्तलों को एक जगह गाड़ने पर खाद का निर्माण किया जा सकता है, एवं मिटटी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है.!

(9). पत्तल बनाए वालों को भी रोजगार प्राप्त होगा.!

(10). सबसे मुख्य लाभ, आप नदियों को दूषित होने से बहुत बड़े स्तर पर बचा सकते हैं, जैसे कि आप जानते ही हैं कि जो पानी आप बर्तन धोने में उपयोग कर रहे हो, वो केमिकल वाला पानी, पहले नाले में जायेगा, फिर आगे जाकर नदियों में ही छोड़ दिया जायेगाl जो जल प्रदूषण में आपको सहयोगी बनाता है.!

इसलिए आज के बाद जब भी मौका मिले तो सिर्फ पत्तल में ही खाए.!asha

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

Kavi Gopal Ji Shukla_Yaad Rahey Patni Do Dhari Talwar Hai_याद रहे पत्नी ...

गुरुदेव मेट्रो स्टेशन,कानपुर से कानपुर यूनिवर्सिटी तक सड़क का बद्द्तर हाल...