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Showing posts from April, 2022

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART-3A_16-08-2001_

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पूज्य्नीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब ' अपने जीवन काल में हर चौमासे पर चिल्ला पूर्ण होने के बाद महफ़िल और नियाज़ का आयोजन करवाते थे | उस दौरान हुज़ूर साहेब अपने आशिक़ और अपने मुरीदों को अमृतवचन से नवाज़ते थे | आप के अमृत वचन जीने का एक सहारा बन गए हैं |  इसी क्रम में 16 AUGUST 2001 में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को जो कहा वो आपकी ख़िदमत में पेश है और इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | https://youtu.be/dwt-5-xelaE

Aapse Door Rah Kar_Kamlesh shukla

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Aapsey Door Raha Kar_Kamlesh Shukla विगत दिवस सुप्रसिद्ध कवि , लेखक और साहित्यकार स्व . दिव्य दृष्टि गिरी की प्रथम पुण्य तिथि पर   पं . देवी प्रसाद राही स्मृति साहित्यिक संस्था द्वारा काव्य समागम का आयोजन किया गया | इसमें श्रीमती कमलेश शुक्ल ने अपनी रचना से सभी को भाव विभोर कर दिया | प्रस्तुत है इस कार्यक्रम की मोबाइल रिकॉर्डिंग : आशा करता हूँ कि मेरा ये प्रयास आप को पसंद आएगा | प्रदीप श्रीवास्तव ' रौनक़ कानपुरी '/ ग़ज़ल गायक +91 9140886598

HAMKO USKI YAAD KI GAHRAIYAN ACHHI LAGI_RAJENDRA TIWARI_15-08-1994_MUSHAIRA

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हमको उसकी याद की गहराइयां अच्छी लगीं, इसलिए महफ़िल में भी तन्हाइयां अच्छी लगी !   लगभग २६ वर्ष पूर्व मैंने एक कार्यक्रम करवाया था "शेर-ओ-नगमा ' जिसमे कुछ शायर और गायक कलाकारों का एक संगम था | इस कार्यकर्म की रिकार्डिंग जो मेरे पास थी उसमे से श्री राजेंद्र तिवारी जी की खूबसूरत ग़ज़ल और चंद अशआर पेश कर रहा हूँ | शेरो शायरी के चाहने वालों को ये पेशकश ज़रूर पसंद आएगी | प्रदीप श्रीवास्तव https://youtu.be/g 4 m 92 ahSxOM   

traffic jaam

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इसके दोषी सिर्फ़ और सिर्फ़ हम और आप हैं | चाहे वो दो पहिया वाहन हो ये चार पहिया, चाहे वो स्कूटर या बाइक हो, इ रिक्शा, विक्रम या कार हर व्यक्ति जल्दी के चक्कर में उलटे साइड से जाता है और वही मुख्य कारण जाम का है | कल हॉस्पिटल रोड, परेड पर २ घंटे जाम में फंसे रहे | हर व्यक्ति उलटे साइड से जा रहा था फिर कार से उतर कर रोकने की कोशिश की लेकिन लोग सहयोग देने के बजाय उलझने की कोशिश करते हैं | कब समझ आएगी इन बेअकल इंसानो को, कब सिविक सेन्स आएगा, कब सिविल सेन्स आएगा | पिस्ता है सही राह पर चलने वाला व्यक्ति ही |   

SHAYARI 26-04-2022

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हर पल समस्या ही समस्या है फिर भी होठों पर मुस्कान है, क्योंकि जब जीना ही हर हाल मे है तो हंस कर जीने में क्या नुकसान है ! मोहब्बत की कोई हद नहीं होती और जो हद में हो वह मोहब्बत नहीं होती अपने किरदार से महकता है इंसान, चरित्र पवित्र करने का इत्र नहीं आता ! ना जाने कौन सी शोहरत पर, आदमी को नाज़ है जबकि आखिरी सफर के लिए भी आदमी औरों का मोहताज है जब बहुत तकलीफ से गुज़रे तो अकेले में रो लेना पर, किसी को मत बताना सुना है यहां ख़ास दोस्तों के भी दोस्त होते हैं ! कोई प्यार से जरा सी फुंक मार दे तो बुझ जाऊं, नफरत से तो तुफान भी हार गए मुझे बुझाने में ! सरे बाजार  निकलूं तो आवारगी की तोहमत तनहाई में बैठूं तो इल्जाम -ए- मोहब्बत एहसान यह रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर, उठती उंगलियों ने ही मुझे मशहूर कर दिया !  

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART-1B_15-08-2001_

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- HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART-1B_15-08-2001_ पूज्य्नीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब ' अपने जीवन काल में हर चौमासे पर चिल्ला पूर्ण होने के बाद महफ़िल और नियाज़ का आयोजन करवाते थे | उस दौरान हुज़ूर साहेब अपने आशिक़ और अपने मुरीदों को अमृतवचन से नवाज़ते थे | आप के अमृत वचन जीने का एक सहारा बन गए हैं |   इसी क्रम में 15 AUGUST 2001 में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को जो कहा वो आपकी ख़िदमत में पेश है और इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | https://youtu.be/kaJAOBZIn8A

Meri Ankhen Darpan Hain_K.K. Shukla_Mushaira

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GEET_MERI ANKHEN DARPAN HAIN _ मेरी ऑंखें दर्पण हैं _KK SHUKLA चौमासी शेरी नशिस्त 22 दिसंबर , 2000 ख़ानक़ाह कानपुर सरपरस्त ( सुप्रसिद्ध सूफ़ी संत गुरुवर हुज़ूर साहेब ) हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' निज़ामत डॉ सय्यद मेहंदी जाफरी गीतकार - के . के . शुक्ला ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग व एडिटिंग प्रदीप श्रीवास्तव ' रौनक़ कानपुरी '

SHAYARI 22-04-2022

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  सुप्रसिद्ध समाजसेवी आदरणीय श्री बद्री नारायण तिवारी ( शिवाला मंदिर वाले ) की पौत्री के विवाह के अवसर पर शानदार संगीत की महफ़िल जमी | इस अवसर पर विधायक श्री अमिताभ बाजपेई जी ,  कोई जंजीर नहीं मगर फिर भी गिरफ्तार हूं , क्या खबर थी तुझे ये हुनर भी आता है ! किसी को ये ख़ौफ़ , कि ख़ुदा देख न ले , किसी की ये आरज़ू , कि ख़ुदा देखता रहे !! सुप्रसिद्ध समाजसेवी आदरणीय श्री बद्री नारायण तिवारी ( शिवाला मंदिर वाले ) की पौत्री के विवाह के अवसर पर शानदार संगीत की महफ़िल जमी | इस अवसर पर प्रेस क्लब के संयोजक श्री सरस बाजपेई जी के साथ एक यादगार लम्हा | तुम आ जाओ मेरी कलम की स्याही बनकर , मैं तुम्हें अपनी ज़िंदगी के हर पन्ने में उतार दूँ ! सुप्रसिद्ध समाजसेवी आदरणीय श्री बद्री नारायण तिवारी ( शिवाला मंदिर वाले ) की पौत्री के विवाह के अवसर पर शानदार संगीत की महफ़िल जमी | इस अवसर पर सुप्रसिद्ध ध्रुपद गायक श्री विनोद द्विवेदी , श्री आयुष द्विवेदी , सुप्रसिद्ध गायिका श्रीमती कविता सिंह और प्रवीण सिंह संगीत का आनंद उठाते हुए --- तुम ही तुम नजर आती हो हम जिधर जिधर जाते हैं , हम ठहर से जाते