SHAYARI 26-04-2022

हर पल समस्या ही समस्या है फिर भी होठों पर मुस्कान है,
क्योंकि जब जीना ही हर हाल मे है तो हंस कर जीने में क्या नुकसान है !
मोहब्बत की कोई हद नहीं होती
और जो हद में हो वह मोहब्बत नहीं होती
अपने किरदार से महकता है इंसान,
चरित्र पवित्र करने का इत्र नहीं आता !
ना जाने कौन सी शोहरत पर, आदमी को नाज़ है
जबकि आखिरी सफर के लिए भी आदमी औरों का मोहताज है

जब बहुत तकलीफ से गुज़रे तो अकेले में रो लेना पर,
किसी को मत बताना सुना है यहां ख़ास दोस्तों के भी दोस्त होते हैं !
कोई प्यार से जरा सी फुंक मार दे तो बुझ जाऊं,
नफरत से तो तुफान भी हार गए मुझे बुझाने में !
सरे बाजार  निकलूं तो आवारगी की तोहमत
तनहाई में बैठूं तो इल्जाम -ए- मोहब्बत
एहसान यह रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर,
उठती उंगलियों ने ही मुझे मशहूर कर दिया !








 

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