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- HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_4A_11-08-2000_

पूज्य्नीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह 'कलंदर मौजशाही' ' हुज़ूर साहेब ' अपने जीवन काल में हर चौमासे पर चिल्ला पूर्ण होने के बाद महफ़िल और नियाज़ का आयोजन करवाते थे | उस दौरान हुज़ूर साहेब अपने आशिक़ और अपने मुरीदों को अमृतवचन से नवाज़ते थे | आप के अमृत वचन जीने का एक सहारा बन गए हैं |  इसी क्रम में 11 अगस्त 2000  में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को जो कहा वो आपकी ख़िदमत में पेश है और इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें |

https://youtu.be/EFMZ2KiKdN0


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