shayari
हमने मुस्कुराकर दर्द में जीना सीख लिया
लोग सोचने लगे हमें तकलीफ नहीं होती
#Prograame at Residence of Dr. Pawan Mishra
जब तक एक
दूसरे की मदद करते रहेंगे,
तब तक कोई
भी नही गिरेगा चाहे व्यापार हो, परिवार हो या फिर समाज !
सिमट
ना पाए वो उलझे अल्फ़ाज़ हूँ मैं,
ज़िन्दा
ज़मीर हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ हूँ मैं !
सच को सुनने
का कलेजा नहीं होता सब का।
बात अपनी
कहीं बेकार ना हो, कुछ ना कहो।
- Wasif Yaar
लाजमी है
तेरा ख़ुद पर गुरूर करना,
हम जिसे
चाहें वो मामूली हो भी नहीं सकता !
मरना लगा
रहेगा यहाँ जी तो लीजिए,
ऐसा भी क्या
परहेज़,
ज़रा-सी तो लीजिए।
- दुष्यंत कुमार
इश्क़ का
ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है
हुस्न ख़ुद
बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए !
-असरार-उल-हक़ मजाज़
एक जंगल है
तेरी आँखों में, मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ।
तू किसी रेल
सी गुज़रती है,मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ।
- दुष्यंत कुमार
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