देश भक्ति ग़ज़ल।। मेरा ये दिल है लिख देना तू मेरी जान लिख देना
देश भक्ति ग़ज़ल।।
मेरा ये दिल है लिख देना तू मेरी जान लिख देना
कफ़न के हर सिरे पर मेरे हिंदुस्तान लिख देना
नहीं महदूद तुम करना हमें हिंदू-मुसलमान तक
यहां पर मिलके रहते हैं सभी इंसान लिख देना
हमें मतलब नहीं कोई किसी की ज़ातो-मज़हब से
फ़क़त इंसानियत हम सब की है पहचान लिख देना
हमारे देश के दुश्मन को जो पैग़ाम तुम भेजो
ज़मीने-हिंद के बच्चे भी हैं बलवान लिख देना
मेरी हो रुख़्सती जिस दम जहां से उस घड़ी यारो
मेरे दिल पर हमारे देश का तुम गान लिख देना
हमें काशी से उल्फ़त है हमें का'बे से निस्बत है
सभी पर है निछावर ये हमारी जान लिख देना
भगत सिंह हो, के बिस्मिल हो, के हो अशफ़ाक़ सा ग़ाज़ी
लुटाई है वतन पर सब ने अपनी जान लिख देना
वतन की शान में जब भी तराना तुमको लिखना हो
बहुत प्यारा है अपना मुल्क हिंदुस्तान लिख देना
तिरंगा है हमें प्यारा मुहाफ़िज़ हम तिरंगे के
हमारे दिल में है इसका बड़ा सम्मान लिख देना
ये गांधीजी का भारत है ये है आज़ाद की भूमी
यहीं पैदा हुए हैं तुलसी-ओ-रसख़ान लिख देना
हुआ पैदा दिलों में जोश 'क़ासिम' ने कहा जिस दम
'मिटाना हक परस्तों को नहीं आसान लिख देना
क़ासिम बीकानेरी
Comments
Post a Comment