SHAYARI 04-06-2023
ख़ुदा की राह में दरवेश हो कर रहना पड़ता है !
बदन से तब कहीं ईमान की ख़ुश्बू महकती है !!
आसान नहीं उस शख्स को समझना,
जो जानता सब कुछ हो पर खामोश
रहे हर वक़्त !
मुझे ढूँढने की कोशिश मत किया कर अब !
तूने रास्ते बदले तो मैंने मंजिल ही बदल दी !!
कुछ रिश्ते किराये के मकान की तरह होते हैं !
कितना भी सजा लो कभी अपने नही होते !!
कदमों की रफ्तार धीमी ज़रूर है !
पर जितनी भी है अपने ज़मीर के साथ हैं !!
बेशक तू बदल ले अपनी मोहब्बत लेकिन ये याद रखना !
तेरे हर झूठ का सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता !!
बड़ा दिलकश है हर मंजर मगर अच्छा नहीं
लगता
तुम्हारे बिन न जाने क्यों सफर अच्छा
नहीं लगता
जमाने भर की सारी नैमतें मौजूद हों
लेकिन
अगर बेटी न हो घर में तो घर अच्छा
नहीं लगता
रुखसार बलरामपुरी
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