SHAYARI 13-06-2023
जो फकीरों का मिजाज रखते हैं,
वो ठोकरों में ताज रखते हैं !
जिनको कल की फिक्र नहीं,
वो मुट्ठी में आज रखते हैं !
जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातों को !
ए खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाजा भी !!
ये
चिड़िया भी मेरी बेटी से कितनी मिलती जुलती है,
कहीं
भी शाख़-ए-गुल देखे तो झूला डाल देती है !
-मुनव्वरराना
तो
फ़िर जाकर कहीं माँ-बाप को कुछ चैन पड़ता है !
कि जब
ससुराल से घर आके बेटी मुस्कुराती हैस !!
-मुनव्वरराना
तेरे साथ का मतलब जो भी हो !
तेरे बाद का मतलब कुछ भी नहीं !
उसकी बेटी ने उठा रक्खी है दुनिया सर पर !
ख़ैरियत गुज़री कि अँगूर के बेटा न हुआ !!
-आगाह देहलवी
बोल
रहा है सन्नाटा !
हमसे
है नाराज़ ख़ुदा !!
~ असदअजमेरी
आरजू थी आज उनको बेनकाब देखने की !
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