सबको प्यार देने की आदत है हमें ! अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमें !! कितना भी गहरा जख़्म दे कोई ! उतना ही ज्यादा मुस्कुरानें की आदत है हमें !! रख सकों तो एक निशानी हूँ "मैं" ! खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ "मैं" !! रोक ना पाए जिसको ये सारी दुनिया ! वो एक बूंद "आँख का पानी" हूँ "मैं" !! एक उम्र से तलाश कर रहा हूं खुद को कि हो जाऊं लोगों के मुताबिक ! पर हर रोज ये जमाना मुझमे एक नया "ऐब" निकाल देता है !! जिस ख़्वाब में हो जाये , दीदार-ऐ-यार हांसिल ! ऐ इश्क़ कभी हमको भी , वो नींद सुला दे !! मैं कोई रिश्ता नहीं हूं , जो निभाओगे मुझे ! मैं मोहब्बत हूं , बस मोहब्बत से ही पाओगे मुझे !! ऐसा लगता है ज़िंदगी तुम हो, अजनबी जैसे अजनबी तुम हो ! मैं ज़मीं पर घना अन्धेरा हूँ, आसमानो की चांदनी तुम हो !! - बशीर बद्र
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Showing posts from August, 2023
RAKSHA BANDHAN KI SHUBHKAMNAYEN
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RAKSHA BANDHAN रेशम के कच्चे धागों से बना सच्चा बंधन । पवित्र प्रेम का है साक्षी , पावन रक्षाबंधन ।। माथे अक्षत तिलक लगावे ,, मांगे भाई से वर । रक्षा करना भाई , जब भी सुनना मेरी पुकार ।। ना चाहे मुझे सोना चांदी , ना हीरे ना मोती । रहे सदा खुशहाल भैय्या , आशाएं पुरी होती ।। आज का पावन दिन , उम्मीदें लेकर आया । खुशियों की आमद हो , राखी लेकर आया ।। लाज बचे बहना की , अब ना देश में चीत्कार हो । शैतानी नजर ना पड़े किसी की , ऐसा चमत्कार हो ।। आज के दिन ईश्वर से बहना , करती यही विनती । राखी के धागों संग मन में यही ख्वाब है बुनती ।। मुसीबत में दौड़े चले आना , ना करवाना इंतजार । रक्षाबंधन का उपहार , आना छोड़ काम हजार ।। - बलवंतसिंह हाड़ा 9753754722
शुभ मुहूर्त
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श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक, दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किए गए थे; फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुआ, न ही राज्याभिषेक. और जब मुनि वशिष्ठ से इसका उत्तर मांगा गया, तो उन्होंने साफ कह दिया. "सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलखि कहेहूं मुनिनाथ। हानि लाभ, जीवन मरण, यश अपयश विधि हाथ।।" अर्थात - जो विधि ने निर्धारित किया है, वही होकर रहेगा. न राम के जीवन को बदला जा सका, न कृष्ण के, न ही महादेव शिव जी सती की मृत्यु को टाल सके, जबकि महामृत्युंजय मंत्र उन्हीं का आवाहन करता है. न रावण अपने जीवन को बदल पाया, न ही कंस, जबकि दोनों के पास समस्त शक्तियाँ थी. मानव अपने जन्म के साथ ही जीवन, मरण, यश, अपयश, लाभ, हानि, स्वास्थ्य, बीमारी, देह, रंग, परिवार, समाज, देश-स्थान सब पहले से ही निर्धारित करके आता है. इसलिए सरल रहें, सहज, मन, वचन और कर्म से सद्कर्म में लीन रहें. मुहूर्त न जन्म लेने का है, न मृत्यु का, फिर शेष अर्थहीन है.🙏
Hoton Se Chu Lo Tum | Cover | Suman Singh | Live Performance | Kanpur Sa...
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Hoton Se Chu Lo Tum | Cover | Suman Singh | Live Performance | Kanpur Sangeet Natak Academy Cover – Suman Singh होटों से छू लो तुम , मेरा गीत अमर कर दो | बन जाओ मीत मेरे , मेरी प्रीत अमर कर दो | SONG - Hothon Se Chhulo Tum Mera Geet Amar ARTIST – Jagjit Singh Lyric – Indiver FILM – PREM GEET https://youtu.be/Hn8flsbD3q0
SHAYARI
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मुनासिब दोस्तों से लाख बेहतर है खुला दुश्मन ! ये गद्दारी नवाबों से हुकूमत छीन लेती है !! ---- गर्मी बहुत थी दोस्तों खून में अपने ! पर घर की जिम्मेदारियों ने झुकना सिखा दिया !! -- लोग अक़्सर अपनी खूबियों का , दिखावा करते हैं ,... मैं ख़ुद की कमियों से , मशहूर होना पसंद करता हूँ ... --- हर रोज़ गिरकर फिर से खड़े हैं , ज़िंदगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं । -- भावुक लोग संबंध को संभालते हैं , प्रैक्टिकल संबंध का फायदा उठाते हैं ! -- ज़माना कुछ भी कहे उसकी परवाह न कर ! जिसे ज़मीर न माने उसे सलाम न कर !! -- मिल जाते हैं अपनों से नए दर्द मुझे रोज । अब गैर मेरे दिल को दुखाने नहीं आते ।। -- हमको हर दौर की गर्दिश ने सलामी दी है ! हम वो पत्थर हैं जो हर दौर में भारी निकले !!
Mushira | Tumhi Ho Meri Justju | तुम्ही हो मेरी जुस्तजू | Pradeep Srivas...
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