SHAYARI
इत्तेफ़ाक से मिल जाना कमाल है
यूँ मेरी ज़िंदगी में आना कमाल है।
दीदार की बड़ी हसरत है लेकिन,
बातों से दिल चुरा लेना कमाल है।
( WITH ANNOUNCER FAIZ BHAI)
यूँ मेरी ज़िंदगी में आना कमाल है।
दीदार की बड़ी हसरत है लेकिन,
बातों से दिल चुरा लेना कमाल है।
( WITH ANNOUNCER FAIZ BHAI)
कुछ ख़ाली कुछ भरा सा है,
जी लो जी भर के ये जीवन ज़रा सा है !
( गायक श्री शरद शुक्ला जी के साथ )
जी लो जी भर के ये जीवन ज़रा सा है !
( गायक श्री शरद शुक्ला जी के साथ )
जो जलते हैं,
उन्हें दहका कर चलो !
तुम अपनी आग लहरा कर चलो !!
सूरज रास्ता दिखाये जरूरी नहीं !
तुम राहों में राख बिछाकर चलो !!
-अज्ञात
जारी रहेगी जंग हवाओं से सुबह तक !
ये किसने कह दिया कि बुझे जा रहा हूँ मैं !!
छोटा
सा इक चिराग हूँ सूरज नहीं हूं मैं !
जितनी
मेरी बिसात काम
आ रहा हूँ मैं !!
-अज्ञात
(WITH MY FRIEND DINESH SINGH)
हमारा
लहजा कड़वा जरूर है !
मगर किरदार में दोगलापन नहीं है !!
-अज्ञात
वादी-ए-जिन्दगी
का दस्तूर है यही,
कभी
ढलना तो
कभी चढना है,
रंग
बदलती है ये हजारों हर
पल,
इस
दुनिया को देख क्या मचलना है !
-अज्ञात
शुभ रात्रि,
"शिकायत होगी तो खुद से होगी,
आपसे तो हमेशा इश्क़ ही होगा" !
-अज्ञात
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