शायर - अंदलीब शादानी पूरा नाम – वज़ाहत हुसैन जन्म – 1902 , संभल , मुरादाबाद मृत्यु – 1969 , ढाका ( बंगला देश ) देर लगी आने मे तुमको , शुक्र है फिर भी आए तो ! आस ने दिल का साथ न छोड़ा , !वैसे हम घबराए तो !! शफ़क़ , धनक , महताब घटाएँ , तारे नग्मे बिजली फूल ! उस दामन मे क्या क्या कुछ है , वो दामन हाथ मे आए तो !! चाहत के बदले मे हम तो , बेच दें अपनी मर्ज़ी तक ! कोई मिले तो दिल का गाहक , कोई हमे अपनाए तो !! झूठ है सब तारीक़ हमेशा , अपने को दोहराती है ! अच्छा मेरा ख्वाबे जवानी , थोड़ा सा दोहराए तो !! शायर = अंदलीब शादानी