HAM TERE SHAHAR ME AAYE HAIN MUSAFIR KI TARAH - SINGER GULAM ALI - ANCHO...
Hum Tere Sheher
Mein Aaye Hain (Ghulam Ali)
Mein Aaye Hain (Ghulam Ali)
Lyrics: कैसर उल जाफ़री
Singer: गुलाम अली
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह
सिर्फ़ इक बार मुलाक़ात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
मेरी मंजिल है, कहाँ मेरा ठिकाना है कहाँ
सुबह तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ
सोचने के लिए इक रात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
अपनी आंखों में छुपा रक्खे हैं जुगनू
मैंने
अपनी पलकों पे सजा रक्खे हैं आंसू मैंने
मेरी आंखों को भी बरसात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
आज की रात मेरा दर्द-ऐ-मोहब्बत सुन ले
कंप-कंपाते हुए होठों की शिकायत सुन ले
आज इज़हार-ऐ-खयालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
भूलना ही था तो ये इकरार किया ही क्यूँ था
बेवफा तुने मुझे प्यार किया ही क्यूँ था
सिर्फ़ दो चार सवालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
Singer: गुलाम अली
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह
सिर्फ़ इक बार मुलाक़ात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
मेरी मंजिल है, कहाँ मेरा ठिकाना है कहाँ
सुबह तक तुझसे बिछड़ कर मुझे जाना है कहाँ
सोचने के लिए इक रात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
अपनी आंखों में छुपा रक्खे हैं जुगनू
मैंने
अपनी पलकों पे सजा रक्खे हैं आंसू मैंने
मेरी आंखों को भी बरसात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
आज की रात मेरा दर्द-ऐ-मोहब्बत सुन ले
कंप-कंपाते हुए होठों की शिकायत सुन ले
आज इज़हार-ऐ-खयालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
भूलना ही था तो ये इकरार किया ही क्यूँ था
बेवफा तुने मुझे प्यार किया ही क्यूँ था
सिर्फ़ दो चार सवालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में...
https://youtu.be/eje2XDH4Y3E
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