GHAZAL - DER LAGI AANE ME TUMKO - ANDLEEB SHADANI
शायर - अंदलीब शादानी
पूरा नाम – वज़ाहत हुसैन
जन्म – 1902, संभल, मुरादाबाद
मृत्यु – 1969, ढाका ( बंगला देश )
देर लगी आने मे तुमको, शुक्र है फिर भी आए तो !
आस ने दिल का साथ न छोड़ा, !वैसे हम घबराए तो !!
शफ़क़, धनक, महताब घटाएँ, तारे नग्मे बिजली फूल !
उस दामन मे क्या क्या कुछ है, वो दामन हाथ मे आए तो !!
चाहत के बदले मे हम तो, बेच दें अपनी मर्ज़ी तक !
कोई मिले तो दिल का गाहक, कोई हमे अपनाए तो !!
झूठ है सब तारीक़ हमेशा, अपने को दोहराती है !
अच्छा मेरा ख्वाबे जवानी, थोड़ा सा दोहराए तो !!
शायर = अंदलीब शादानी
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