ISHQ ME JAAN SE GUZARTE HAIN GUZARNE WAALE इश्क़ मे जां से गुजरते हैं गुज़रने वाले !
ISHQ
ME JAAN SE GUZARTE HAIN GUZARNE WAALE
इश्क़
मे जां से गुजरते हैं गुज़रने वाले !
शायर
– अमीर मीनाई
पूरा
नाम – मुंशी अमीर अहमद
जन्म
– 1828 लखनऊ
मृत्यु
– 1900 , हैदराबाद
उस्ताद
– असीर लखहनवी
इश्क़
मे जां से गुजरते हैं गुज़रने वाले !
मौत
की राह नहीं देखते मरने वाले !!
आख़िरी
वक़्त भी पूरा न किया वादा ए वस्ल !
आप
आते ही रहे, मर गए मरने वाले !!
उठे
और कूचए-महबूब मे पहुंचे आशिक़ !
ये
मुसाफिर नहीं रास्ते मे ठहरने वाले !!
जान
देने को कहा मैंने,
तो हंस कर बोले !
तुम
सलामत रहो, रोज़ के मरने वाले !!
आस्माँ
पे जो सितारे नज़र आए अमीर !
याद
आए मुझे दाग़ अपने उभरने वाले !!
Comments
Post a Comment