GHAZAL - DOOR KOI RAAT BHAR GAATA RAHA _ AKHTAR


GHAZAL SINGER PRADEEP SRIVASTAVA
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~ अख़्तर
पूरा नाम : हरीचंद
जन्म: अप्रैल १९०१ , होशियारपुर
मृत्यु : १, जनवरी, १९५८, दिल्ली
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ग़ज़ल
दूर कोई रात भर गाता रहा !
तेरा मिलना मुझको याद आता रहा !
इस तरह कुछ उसने छेड़ा दिल का साज़ !
देर तक हर तार थर्राता रहा !!
हुस्न पर तासीरे-ग़म होती रही !
इक शिगूफ्ता फूल कुम्हलाता रहा !!
हम भी ज़ब्ते-दर्दे-ग़म करते रहे !
वो भी अपने दिल को समझता रहा !!
हम न आये फिर चमन में लौट कर !
मौसमे गुल बार बार आता रहा !!
अब तो अख़्तर लुत्फ़े ग़म भी मिट गया !
अब तो वो आराम भी जाता रहा !!
~ अख़्तर

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