Farooq Jaisi - Abh Tha Paan Pe Sar Uthaye - अभी था पानी पे सर उठाये - फ़ा...
अभी था पानी पे सर उठाये, मगर वो अब बुलबुला कहाँ है,
इसी तरह है ज़मीं पे इंसा, मगर कोई सोचता कहाँ है
!
अभी कहाँ लुत्फ़ आशिक़ी का, अभी हंसी वो खुला कहाँ है,
अभी मै उसका बना कहाँ हूँ, अभी वो मेरा बना कहाँ
है !
- फ़ारूक़
जायसी
https://youtu.be/ef5M1wMX8ew
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