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Showing posts from February, 2021

चार पैसे

*4 पैसे क्यों ज़रूरी हैं ?*  बचपन में बुजुर्गों से एक कहानी सुनते थे कि... इंसान 4 पैसे कमाने के लिए मेहनत करता है या...  बेटा कुछ काम करोगे तो 4 पैसे घर में आएँगे या...  आज चार पैसे होते तो कोई ऐसे ना बोलता,  आदि-आदि ऐसी बहुत सी बातें हम अक्सर सुनते थे। आख़िर क्यों चाहिए ये चार पैसे और चार ही क्यों तीन या पाँच क्यों नहीं?  तीन पैसों में क्या कमी हो जायेगी या पाँच से क्या बढ़ जायेगा?  आइये...  समझते हैं कि इन चार पैसों का क्या करना है? *पहला पैसा खाना है,*  *दूसरे पैसे से पिछला कर्ज़ उतारना है,* *तीसरे पैसे का*  *आगे क़र्ज़ देना है* *और*  *चौथे पैसे को कुएं में डालना है।* *4 पैसों का रहस्य* *1) खाना:-* अर्थात अपना तथा अपने परिवार पत्नी, बच्चों का भरण-पोषण करना, पेट भरने के लिए। *2) पिछला क़र्ज़ उतारना:-* अपने माता-पिता की सेवा के लिए उनके द्वारा किए गये हमारे पालन-पोषण कर्ज़ उतारने के लिए। *3) आगे कर्ज़ देना:-* सन्तान को पढ़ा-लिखा कर क़ाबिल बनाने के लिए ताकि आगे वृद्धावस्था में वे आपका ख़्याल रख सकें। *4) कुएं में डालने के लिए:-* अर्थात शुभ कार्य करने के लिए दान, सन्त सेवा, असहायों की

116th Birthday Celeberation Of Rotary Club_Host Rotary Atulya, Kanpur

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116TH BIRTHDAY CELEBERATION OF ROTARY CLUB_HOST ROTARY ATULYA KANPUR 23rd February, Tuesday  2021, 6 PM Onwards At Iscon Temple, Kanpur Associated Club Rotary Club Of Atulya , Kanpur Rotary Club Of Kanpur Classic Rotary Club Of Kanpur East Rotary Club Of Kanpur Green Rotary Club Of Kanpur Lakshya Rotary Club Of New Kanpur Rotary Club Of Kanpur South PROJECT DIRECTOR – ANIL DHUPER (Rotary Club Of Atulya, Kanpur)  https://youtu.be/-Yr21HIy6hY

जामुन की लकड़ी

#जामुन_की_लकड़ी_का_महत्त्व . अगर जामुन की मोटी लकड़ी का टुकडा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल या हरी काई नहीं जमती और पानी सड़ता नहीं । टंकी को लम्बे समय तक साफ़ नहीं करना पड़ता । जामुन की एक खासियत है कि इसकी लकड़ी पानी में काफी समय तक सड़ता नही है।जामुन की इस खुबी के कारण इसका इस्तेमाल नाव बनाने में बड़ा पैमाने पर होता है।नाव का निचला सतह जो हमेशा पानी में रहता है वह जामून की लकड़ी होती है। गांव देहात में जब कुंए की खुदाई होती तो उसके तलहटी में जामून की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है जिसे जमोट कहते है। आजकल लोग जामुन का उपयोग घर बनाने में भी करने लगे है। जामून के छाल का उपयोग श्वसन गलादर्द रक्तशुद्धि और अल्सर में किया जाता है। दिल्ली के महरौली स्थित निजामुद्दीन बावड़ी का हाल ही में जीर्णोद्धार हुआ है । 700 सालों के बाद भी गाद या अन्य अवरोधों की वजह से यहाँ पानी के सोते बंद नहीं हुए हैं। भारतीय पुरातत्व विभाग के प्रमुख के.एन. श्रीवास्तव के अनुसार इस बावड़ी की अनोखी बात यह है कि आज भी यहाँ लकड़ी की वो तख्ती साबुत है जिसके ऊपर यह बावड़ी बनी थी। श्रीवास्तव जी के अनुसार उत्तर भारत के

परिवर्तन

‼️"सुखी रहने का तरीका‼️       एक बार की बात है संत तुकाराम अपने आश्रम में बैठे हुए थे। तभी उनका एक शिष्य, जो स्वाभाव से थोड़ा क्रोधी था उनके समक्ष आया और बोला- गुरूजी, आप कैसे अपना व्यवहार इतना मधुर बनाये रहते हैं, ना आप किसी पे क्रोध करते हैं और ना ही किसी को कुछ भला-बुरा कहते हैं? कृपया अपने इस अच्छे व्यवहार का रहस्य बताइए? संत बोले- मुझे अपने रहस्य के बारे में तो नहीं पता, पर मैं तुम्हारा रहस्य जानता हूँ ! “मेरा रहस्य! वह क्या है गुरु जी?” शिष्य ने आश्चर्य से पूछा। ”तुम अगले एक हफ्ते में मरने वाले हो!” संत तुकाराम दुखी होते हुए बोले। कोई और कहता तो शिष्य ये बात मजाक में टाल सकता था, पर स्वयं संत तुकाराम के मुख से निकली बात को कोई कैसे काट सकता था? शिष्य उदास हो गया और गुरु का आशीर्वाद ले वहां से चला गया। उस समय से शिष्य का स्वभाव बिलकुल बदल सा गया। वह हर किसी से प्रेम से मिलता और कभी किसी पे क्रोध न करता, अपना ज्यादातर समय ध्यान और पूजा में लगाता। वह उनके पास भी जाता जिससे उसने कभी गलत व्यवहार किया था और उनसे माफ़ी मांगता। देखते-देखते संत की भविष्यवाणी को एक हफ्ते पूरे हो

SUFI – RAAT KATI TO SUBHA HUI रात कटी तो सुबह हुई – SINGER_PRADEEP SRIVA...

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सूफ़ी कलाम :- रात कटी तो सुबह हुई और दिन गुज़रा   तो शाम हुई । अच्छी गुज़री   जैसी गुज़री   जब से उसके नाम हुई ।। बज़्मे   जहां में नूरी साया मैख़ाने पे छाया है । दीवानों को पीना आया जब से रहमत आम हुई ।। कलाम- हज़रत मंज़ूर आलम शाह 'कलंदर मौजशाही' गायक- प्रदीप श्रीवास्तव https://youtu.be/8mDoIZ70ib8

Bhjan - Shiv Bhola Se Hamri Lagan Lagi - Singer - Pradeep Srivastava , G...

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शिव भोला से हमरी लगन लागी, गायक - प्रदीप श्रीवास्तव  https://youtu.be/9Bx03c_IoOs

कर्नल दिनेश पठानिया बरी

कर्नल दिनेश पठानिया समेत सभी 5 सैनिको की उम्रकैद की सजा ख़त्म: सरीन लखविंदर मोदी सरकार में मिली जमानत, ये अबतक की सबसे बड़ी खबर है ।  साथियों, मोदी सरकार ने ऐसा काम कर दिखाया है जिसकी जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है,  ये अबतक का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी कार्य है, अगर आप कर्नल पठानिया समेत 5 सैनिको का किस्सा नहीं जानते तो आपको बता दें की 2010 में कर्नल दिनेश पठानिया जम्मू कश्मीर के माछिल में तैनात थे, 2010 में आये दिन कश्मीरी मुस्लिम पत्थरबाजी कर सैनिको को घायल कर देते थे, उस ज़माने में न पैलेट गन की छूट थी, और न ही सैनिको को किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने की इज़ाज़त थी, रोज रोज सैनिक घायल होकर अपना इलाज करवाते थे, इसी के बाद 2010 में कर्नल पठानिया ने पत्थरबाज आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दे दिया और उनकी टीम ने 3 पत्थरबाज आतंकियों को ढेर कर दिया, 2010 में सोनिया-मनमोहन की सरकार थी, फ़ौरन रक्षामंत्रालय ने आर्मी कोर्ट से कर्नल पठानिया समेत 5 सैनिको का कोर्ट मार्शल करते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी, अब 2017 में मोदी सरकार के दौरान आर्मी कोर्ट ने रक्षामंत्रालय के सिफारिश पर कर्नल पठानिया स

Mushaira _ Waqt Ne Kuch Aise Bhi- वक़्त ने कुछ ऐसे भी इंक़लाब देखे हैं - S...

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वक़्त ने कुछ ऐसे भी इंक़लाब देखे हैं, जुगनुओं की चौखट पर आफ़ताब देखे हैं ! जिनकी एक झलक को भी आईने तरसते थे, हमने वो परी चेहरे, बेहिजाब देखे हैं ! - शरफ़ नानापारवी https://youtu.be/h5FE6OSqFDU

हनुमान कथा

आज आपको  हनुमान जी एक लोक कथा के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिसका विवरण संसार के किसी भी पुस्तक में आपको शायद ही मिलेगा..  जय श्री राम, कथा का आरंभ तब का है ,, जब बाली को ब्रम्हा जी से ये वरदान प्राप्त हुआ,, की जो भी उससे युद्ध करने उसके सामने आएगा,, उसकी आधी ताक़त बाली के शरीर मे चली जायेगी,, और इससे बाली हर युद्ध मे अजेय रहेगा,, सुग्रीव, बाली दोनों ब्रम्हा के औरस ( वरदान द्वारा प्राप्त ) पुत्र हैं,, और ब्रम्हा जी की कृपा बाली पर सदैव बनी रहती है,, बाली को अपने बल पर बड़ा घमंड था,, उसका घमंड तब ओर भी बढ़ गया,, जब उसने करीब करीब तीनों लोकों पर विजय पाए हुए रावण से युद्ध किया और रावण को अपनी पूँछ से बांध कर छह महीने तक पूरी दुनिया घूमी,, रावण जैसे योद्धा को इस प्रकार हरा कर बाली के घमंड का कोई सीमा न रहा,, अब वो अपने आपको संसार का सबसे बड़ा योद्धा समझने लगा था,, और यही उसकी सबसे बड़ी भूल हुई,, अपने ताकत के मद में चूर एक दिन एक जंगल मे पेड़ पौधों को तिनके के समान उखाड़ फेंक रहा था,, हरे भरे वृक्षों को तहस नहस कर दे रहा था,, अमृत समान जल के सरोवरों को मिट्टी से मिला कर कीचड़ कर दे रहा था,, एक तरह

SUFI - WO BADA DULARA HAI – HAZRAT MANZOOR AALAM SHAH ‘KALANDAR MAUJSHAH...

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वो बड़ा दुलारा है जानो तन से प्यारा है सर है उसके कदमो में वो खुदा हमारा है बच के सबकी नज़रों से , हमने आँखों आँखों में , अपने यार का सदक़ा , बारहा उतारा है . गायक - प्रदीप श्रीवास्तव , https://youtu.be/4EYKbXglUoU

नारी की निंदा

नारी निंदा न करौ, नारी नर की खान । नारी से नर होत है, ध्रुव, प्रहलाद समान ।। ✍ शास्त्रों में कहा गया है यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता । ✍ नारी प्राणि जगत की उत्पत्ति का मूल है । ✍ परिवार में नारी होने से प्रेम, सहकार और सद्भाव बना रहता है ✍ दुनिया मे जितने भी महापुरुष /महान नारियाँ पैदा हुई हैं, उनको भी नारी ने ही जन्म दिया है । ✍ परिवार में नारी होने से घर आसानी से किराए पर मिल जाता है । ✍ भारत ही एकमात्र देश है जहाँ नारियों को देवी की संज्ञा दी जाती है । आज दिनाँक 15 फरवरी, 2021, सोमवार की पावन मंगल बेला में, नारियों को जीवन मे यथोचित सम्मान देने के संकल्प के साथ, नित्य की भांति, आपको मेरा "राम-राम"

वृन्दावन में कुंभ क्यों ?

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🌷वृन्दावन में कुंभ क्यों ???🌷 एक बार प्रयाग राज का कुम्भ योग था। चारों ओर से लोग प्रयाग-तीर्थ जाने के लिये उत्सुक हो रहे थे। श्रीनन्द महाराज तथा उनके गोष्ठ के भाई-बन्धु भी परस्पर परामर्श करने लगे कि हम भी चलकर प्रयाग-राज में स्नान-दान-पुण्य कर आवें। किन्तु कन्हैया को यह कब मंज़ूर था। प्रातः काल का समय था, श्रीनन्द बाबा वृद्ध गोपों के साथ अपनी बैठक के बाहर बैठे थे कि तभी सामने से एक भयानक काले रंग का घोड़ा सरपट भागता हुआ आया। भयभीत हो उठे सब कि कंस का भेजा हुआ कोई असुर आ रहा है। वह घोड़ा आया और ज्ञान-गुदड़ी वाले स्थल की कोमल-कोमल रज में लोट-पोट होने लगा।  सबके देखते-देखते उसका रंग बदल गया, काले से गोरा, अति मनोहर रूपवान हो गया वह। श्रीनन्दबाबा सब आश्चर्यचकित हो उठे। वह घोड़ा सबके सामने मस्तक झुका कर प्रणाम करने लगा। श्रीनन्दमहाराज ने पूछा-'कौन है भाई तू ? कैसे आया और काले से गोरा कैसे हो गया ?  वह घोड़ा एक सुन्दर रूपवान विभूषित महापुरुष रूप में प्रकट हो हाथ जोड़ कर बोला- "हे व्रजराज ! मैं प्रयागराज हूँ। विश्व के अच्छे बुरे सब लोग आकर मुझमें स्नान करते हैं और अपने पापों को मुझ

Mushira - Dr. Qamar Surur - Kuch Nahi Hai Magar Misal Tow Hai कुछ नहीं ह...

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दिल की जुबान से जो भी पुकारे मेरे साहब सुनते हैं, कोई कहीं भी हो दुःख सारे मेरे साहब सुनते हैं ! जुगनू वुग्नु दीपक वीपक, कहते तो मैं चुप रहती, कहते हैं सब चाँद सितारे, मेरे साहब सुनते हैं ! - डॉ. क़मर सुरूर https://youtu.be/Kg- 2 sPZ 1 WfM

Sufi-Dum Dum Hari kirpa Kari Maula Ali Dukh Darunam- Hazrat Manzoor Alam...

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संबंध भ्रम से टूटते हैं

-:: संबंध भ्रम से टुटते है ::- पत्नी गुस्से मे बोली - बस, बहुत कर लिया सहन, अब मैं एक मिनट भी तुम्हारे साथ नही रह सकती। पति भी क्रोध मे था, बोला "मे भी तुम्हारी शक्ल देख देखकर तंग आ चुका हुं, ऑफिस से घर आऊ तो तुम मुझे नज़र ना आना घर मे, उठाओ अपना सामान और निकलो यहा से, पति क्रोध मे ही ऑफिस चला गया पत्नी ने अपनी मां को फ़ोन किया और बताया के वो सब छोड़ छाड़ कर बच्चो समेत मायके आ रही है, अब ज़्यादा नही रह सकती इस नरक मे। मां ने कहा - एक वास्तविक भारतीय नारी बन के आराम से वही बैठ, तेरी बड़ी बहन भी अपने पति से लड़कर आई थी, और इसी हठ मे तलाक लेकर बैठी हुई है, अब तुने वही ड्रामा शुरू कर दिया है, ख़बरदार जो तुने इधर कदम भी रखा तो... सुलह कर ले अपने पति से, अब वो इतना बुरा भी नही है। मां ने लाल झंडी दिखाई तो पत्नी के बुद्धि ठिकाने आ गयी और वो फूट फूट कर रो दी, जब रोकर थकी तो जी हल्का हो चुका था,  पति के साथ लड़ाई का दृश्य सोचा तो अपनी भी बहुत भूल समझ मे आई। मुहं हाथ धोकर फ्रेश हुई और अपने पति के पसंद के व्यंजन बनाने शुरू कर दिये, और साथ स्पेशल खीर भी बना ली, सोचा कि शाम को पति से क्षमा मां

महिलाएं इतनी जटिल होती हैं

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महिलाएं इतनी जटिल होती हैं कि हमेशा उनका दिमाग बदलता रहता है जैसे - 18 साल की उम्र में वह सुंदर आदमी चाहती है....! 25 साल की उम्र में वह परिपक्व आदमी चाहती है...! 30 साल की उम्र में वह सफल आदमी चाहती है.....! 40 साल की उम्र में वह स्थापित आदमी चाहती है.....! 50 साल की उम्र में वह वफादार पुरुषों को चाहती है.....! 60 साल की उम्र में वे सहायक पुरुष चाहती है.....! पुरुष बहुत सरल हैं; उन्होंने अपने जीवन में किसी भी बदलती हालत के लिए अपना स्वाद कभी नहीं बदला। 18 साल की उम्र में वह सुंदर महिलाओं को पसंद करता है..! 25 साल की उम्र में वह सुंदर महिलाओं को पसंद करता है..! 30 साल की उम्र में वह सुंदर महिलाओं को पसंद करता है...! 40 साल की उम्र में वह सुंदर महिलाओं को पसंद करता है.....! 50 साल की उम्र में वह सुंदर महिलाओं को पसंद करता है.....! वह 60 साल की उम्र में वह अभी भी सुंदर महिलाओं को  पसंद करता है.....! 70 और 80 की उम्र में भी जब वह मुश्किल से चल पाता है तब भी वह सुंदर महिलाओं को ही पसंद करता है.....! वह स्वर्ग में अप्सरा चाहता है..........! सभी पुरुषों को उनके अनुशासित व्यवहार के लिए समर्पि

दिखावे का पुण्य

एकादशी से अगले दिन एक भिखारी एक सज्जन की दुकान पर भीख मांगने पहुंचा। सज्जन व्यक्ति ने 1 रुपये का सिक्का निकाल कर उसे दे दिया। भिखारी को प्यास भी लगी थी,वो बोला बाबूजी एक गिलास पानी भी पिलवा दो,गला सूखा जा रहा है। सज्जन व्यक्ति गुस्से में तुम्हारे बाप के नौकर बैठे हैं क्या हम यहां,पहले पैसे,अब पानी,थोड़ी देर में रोटी मांगेगा,चल भाग यहां से। भिखारी बोला:- बाबूजी गुस्सा मत कीजिये मैं आगे कहीं पानी पी लूंगा।पर जहां तक मुझे याद है,कल इसी दुकान के बाहर मीठे पानी की छबील लगी थी और आप स्वयं लोगों को रोक रोक कर जबरदस्ती अपने हाथों से गिलास पकड़ा रहे थे,मुझे भी कल आपके हाथों से दो गिलास शर्बत पीने को मिला था।मैंने तो यही सोचा था,आप बड़े धर्मात्मा आदमी है,पर आज मेरा भरम टूट गया। कल की छबील तो शायद आपने लोगों को दिखाने के लिये लगाई थी। मुझे आज आपने कड़वे वचन बोलकर अपना कल का सारा पुण्य खो दिया। मुझे माफ़ करना अगर मैं कुछ ज्यादा बोल गया हूँ तो। सज्जन व्यक्ति को बात दिल पर लगी, उसकी नजरों के सामने बीते दिन का प्रत्येक दृश्य घूम गया। उसे अपनी गलती का अहसास हो रहा था। वह स्वयं अपनी गद्दी से उठा और अपने हा

Afzal Danish - MARFAT KA USEY - मारफ़त का उसे रास्ता मिल गया

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मारफ़त का उसे रास्ता मिल गया, मौज शाही का जिसको पता मिल गया !   विर्द साहिब का करते रहो रात दिन, ये वज़ीफ़ा बड़े काम का मिल गया ! (विर्द - माला जपना )   जब से साहेब ने अपना कहा है मुझे, मुझसे मत पूछिए मुझको क्या मिल गया !   हिन्दू मुस्लिम ने मिलकर कहा है यही, रौशनी के लिए एक दिया मिल गया !   हर कोई मुझको अपना समझने लगा, तेरी चौखट से क्या मरतबा मिल गया !   रूह की सारी बीमारी जाती रही, इनके लंगर का जब ज़ायका मिल गया !   अपने अन्दर की ख़ामी नज़र आ गयी, माई के रूप में हक़नुमा मिल गया !   अब किसी रहनुमा की ज़रूरत नहीं, हमको साहिब सा जब रहनुमा मिल गया !   - अफ़ज़ाल दानिश   https://youtu.be/RqVsZ 3 CencI

कर्म योग क्या है ?

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कर्म योग क्या है ? . एक बार एक सात वर्ष का बालक एक महर्षि के पास आया! . महर्षि को प्रणाम कर उसने अपनी जिज्ञासा उनके समक्ष रखी। . बालक बोला- क्या आप मुझे बता सकते है कि कर्म-योग क्या है, क्योंकि जब कभी भी मैं यह प्रश्न अपने माता-पिता से पूछता हूं, तो वे कहते है कि अभी तुम्हें इस विषय मे सोचने की आवश्यकता नहीं है। जब तुम बड़े हो जाओगे, तब अपने आप समझ जाओगे। . बालक की बात सुनकर महर्षि मुस्कुराए और उन्होंने बालक से कहा, “मैं तुम्हें इस प्रश्न का उत्तर दूंगा, लेकिन अभी तुम यहां शांतिपूर्वक बैठ जाओ।” . बालक उनकी आज्ञा का पालन कर उनके पास जाकर बैठ गया। . कुछ समय बाद, वहां एक व्यक्ति लड्डू लेकर आया और सारे लड्डू महर्षि के समक्ष रख दिए। . महर्षि ने एक लड्डू अपने पास रखा, बाकी लड्डू अन्य लोगों में बांटने का संकेत दिया। . अब लड्डू बालक के हाथ में थमाते हुए महर्षि बोले, “जब तक मैं अंगुली से रुकने का इशारा नहीं करता, तब तक तुम लड्डू खाते रहोगे। . ध्यान रहे कि मेरे संकेत से पहले तुम्हारा लड्डू खत्म नहीं होना चाहिए, पर जैसे ही मैं अंगुली उठाकर संकेत दूं, तुम्हारे हाथ में उसके बाद लड्डू शेष नहीं बचना

विनाश का बीजारोपण:-

एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है। वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा। दौड़ते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय उस तालाब के अंदर घुस गई। वह बाघ भी उसका पीछा करते हुए तालाब के अंदर घुस गया। तब उन्होंने देखा कि वह तालाब बहुत गहरा नहीं था। उसमें पानी कम था और वह कीचड़ से भरा हुआ था। उन दोनों के बीच की दूरी काफी कम थी। लेकिन अब वह कुछ नहीं कर पा रहे थे। वह गाय उस कीचड़ के अंदर धीरे-धीरे धंसने लगी......! वह बाघ भी उसके पास होते हुए भी उसे पकड़ नहीं सका। वह भी धीरे-धीरे कीचड़ के अंदर धंसने लगा। दोनों ही करीब करीब गले तक उस कीचड़ के अंदर फंस गए। दोनों हिल भी नहीं पा रहे थे। गाय के करीब होने के बावजूद वह बाघ उसे पकड़ नहीं पा रहा था। थोड़ी देर बाद गाय ने उस बाघ से पूछा, क्या तुम्हारा कोई गुरु या मालिक है......? बाघ ने गुर्राते हुए कहा, मैं तो जंगल का राजा हूं......! मेरा कोई मालिक नहीं। मैं खुद ही जंगल का मालिक हूं......! गाय ने कहा, लेकिन तुम्हारी उस शक्ति का यहां पर क्