नारी की निंदा

नारी निंदा न करौ, नारी नर की खान ।
नारी से नर होत है, ध्रुव, प्रहलाद समान ।।

✍ शास्त्रों में कहा गया है यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता ।
✍ नारी प्राणि जगत की उत्पत्ति का मूल है ।
✍ परिवार में नारी होने से प्रेम, सहकार और सद्भाव बना रहता है
✍ दुनिया मे जितने भी महापुरुष /महान नारियाँ पैदा हुई हैं, उनको भी नारी ने ही जन्म दिया है ।
✍ परिवार में नारी होने से घर आसानी से किराए पर मिल जाता है ।
✍ भारत ही एकमात्र देश है जहाँ नारियों को देवी की संज्ञा दी जाती है ।

आज दिनाँक 15 फरवरी, 2021, सोमवार की पावन मंगल बेला में, नारियों को जीवन मे यथोचित सम्मान देने के संकल्प के साथ, नित्य की भांति, आपको मेरा "राम-राम"

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