SUFI – RAAT KATI TO SUBHA HUI रात कटी तो सुबह हुई – SINGER_PRADEEP SRIVA...
सूफ़ी कलाम :-
रात कटी तो सुबह हुई और दिन गुज़रा तो शाम हुई ।
अच्छी गुज़री
जैसी गुज़री जब से उसके नाम हुई ।।
बज़्मे जहां
में नूरी साया मैख़ाने पे छाया है ।
दीवानों को पीना आया जब से रहमत आम हुई ।।
कलाम- हज़रत मंज़ूर आलम शाह 'कलंदर मौजशाही'
गायक- प्रदीप श्रीवास्तव
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