-:: भारत मे पारसी समुदाय का योगदान ::-
-:: भारत मे पारसी समुदाय का योगदान ::-
भारत देश मे पारसी समुदाय के मात्र 70 हजार लोग है और यही लोग वास्तविक अल्पसंख्यक है। किंतु इन लोगो ने कभी सरकार से किसी तरहः की सहायता या विशेष अधिकार नही मांगे बल्कि स्वयम आगे बढ़कर देशहित में योगदान दिया है।
जानिए इनको
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), पुणे स्थित कंपनी, अदार पूनावाला (पारसी ) ने अपने समुदाय के सदस्यों के लिए 60,000 वैक्सीन दी। (60,000 वैक्सीन आधे दिन में बनाई जाती है)
लेकिन इस प्रस्ताव को बॉम्बे पारसी पंचायत ने विनम्रता से अस्वीकार कर दिया ...
प्रसिद्ध व्यवसायी, रतन टाटा, एक पारसी की टिप्पणी है कि हम पारसी की तुलना में सबसे पहले भारतीय हैं। हमें अपनी बारी आने का इंतजार करना चाहिए। ”
टीके के भंडारण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बोतलें स्कॉकिसे की हैं, जो कि ऋषद दादाचंजी (पारसी ) के स्वामित्व वाली कंपनी है।
टाटा मोटर्स (पारसी ) के ट्रकों का उपयोग टीकों के परिवहन के लिए किया जाता है।
जेह वाडिया(पारसी ) के स्वामित्व वाली गो एयर की विमानन सुविधा का उपयोग टीकों को दूर के गंतव्य तक पहुंचाने के लिए किया गया था।
परिवहन के दौरान उपयोग की जाने वाली सूखी बर्फ का निर्माण एक अन्य पारसी फारूक दादाभॉय द्वारा किया गया था।
गोदरेज रेफ्रीजिरेटर (पारसी ) में वैक्सीनेशन स्टोर किए गए हैं।
फिर भी, पारसी टीकाकरण प्राप्त करने में कोई विशेष पक्ष नहीं चाहते हैं।
क्योंकि, वे खुद को मिट्टी का पुत्र भारतीय मानते हैं और यह अपील नहीं करते कि उन्हें अल्पसंख्यक माना जाए और उनका अपमान किया जाए।
जय हो पारसी समुदाय की और धिक्कार है मुफ्तखोरों पर l
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