Alka Mishra - Dillagi Ke Silsile Sabki - दिल्लगी के सिलसिले सबकी जुबां त...
दिल्लगी के सिलसिले सबकी जुबां तक आ गए,
गुफ़्तगू से चलते चलते दास्ताँ तक आ गए !
तुमने सब कुछ दे दिया मुर्शिद हमें मांगे
बगैर,
हमने सोचा भी नहीं था हम जहां तक आ गए !
- अलका मिश्रा
https://youtu.be/8JXdDxyuivE
Comments
Post a Comment